Akash

Akash

इस ब्लॉग की

कृप्या इस ब्लॉग की प्रविष्टियों को महसूस करें तथा अपना मंतब्य जरूर लिखें |

Thursday, January 10, 2013

भावनाओं से भरी गगरी(घड़ा) - आकाश कुमार



देश के वीर जवानों को श्रधांजलि हेतु समर्पित। 
एक प्रयास मेरा भी -- भावनाओं की उधेड़ बुन से शब्द मिले, और सजा कर परोस दिया आप सभी के बिच। वर्तनी में अशुद्धियों के लिए माफ़ी चाहता हूँ। 
 पहली पंक्ति कांग्रेस सरकार के लिए है)
----------------------------------------------------

सर फरोशी की तमन्ना, कब तुम्हारे दिल में थी ।
सर कटा और धड कटा, ये कैसी तेरी दिल्लगी ।।


अब हिमालय भी हिला है, जाग जाओ रणबाकुरों ।
नाप दो तलवार लेकर, पाक की पूरी जमीं  ।।

हर समय छला है तूने, ये ना हम भूले कभी  ।
आ जाओ तुम सामने से, सर कलम कर दूं अभी  ।।

जल रही है शोला बनकर, आज देश की दिशाएं ।
रो पड़ी है सर कटे की, अब भी जिन्दा आत्माएं ।।

बह गया है देश अब, नयनो  के नीर से ।
अब न मिल पाएंगे हम, अपने दो वीर से ।।

इन्तहां की हद कर दी, दोगली सरकार ने ।
सब दरिन्दे जुट गए है, देश की सरकार में ।।

डूब गया है देश शर्म से ,  पाक के हुंकार में ।
पुछ रहा आकाश भी अब , क्या किया सरकार ने ।।

मकसद न कोइ मेरी, सिर्फ आपको बताना है ।
इटली की सरकार हटाकर, मोदी को ही लाना है ।।
--------------------------------------------------
फिर से नया भारत बनाना है ...  जय हिन्द ।


7 comments:

  1. दुखद, दर्दनाक और दुर्भाग्यपूर्ण ......सटीक पंक्तियाँ

    ReplyDelete
  2. इन्तहां की हद कर दी, दोगली सरकार ने ।
    सब दरिन्दे जुट गए है, देश की सरकार में ।

    सच कहा आकाश , इस दोगली सरकार ने हमारे हाथ काट रखे है ..ये उस ना -पाक देश को रोज गले में हार पहना रही है और वो हमारे वीरो के गले काट रहे है ..हमें इस विदेशी सरकार को हटाना ही है ...सब एक हो जाओ ..हिन्दुस्तान को बचाना ही है .......

    ReplyDelete
  3. शब्दों से आक्रोश को, व्यक्त करे आकाश ।

    देश रसातल में धंसे, देख लाल की लाश ।

    देख लाल की लाश, अनर्गल बकती सत्ता ।

    लेकिन पाकी फांस, घुसे हरदम अलबत्ता ।

    इत नक्सल दुर्दांत, उधर आतंकी पोसे ।

    करिए अब तो क्रान्ति, भावना से शब्दों से ।।

    ReplyDelete
  4. इन्तहां की हद कर दी, दोगली सरकार ने ।
    सब दरिन्दे जुट गए है, देश की सरकार में ।।
    सच ... बेहद दु:खद

    ReplyDelete
  5. बेहद दर्दनाक और दुखद... आक्रोश भरी रचना

    ReplyDelete
  6. बहुत खूब सार्धक लाजबाब अभिव्यक्ति।
    महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ ! सादर
    आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
    अर्ज सुनिये
    कृपया मेरे ब्लॉग का भी अनुसरण करे

    ReplyDelete
  7. is sundar rachna ke liye aabhaar!

    Please Share Your Views on My News and Entertainment Website.. Thank You !

    ReplyDelete

कृपया अपनी टिपण्णी जरुर दें| आपकी टिपण्णी से मुझे साहश और उत्साह मिलता है|