मेरे पड़ोस में सिर्फ एक मोटरसाइकल के लिए नई युवती को जला कर मर दिया गया, मैं बहूत ही कंफ्यूज हूँ कृपया अपनी राय अवश्य दें | 
एक ही औरत
एक ही औरत
माँ बहन और बीवी
कई हिस्सों में बंट जाती है
फिर भी वह अपना धर्म निभाती है
मैंने किताबों में पढ़ा था 
जब सती प्रथा के नाम पर औरत
जलने को मजबूर कर दी जाती थी
जलाई वह तब भी जाती थी
लेकिन दुसरे तरीके से
आज भी ऐसा ही होता है
सिर्फ प्रथा का नाम बदला है 
आज की औरत दहेज़ के लिए 
दिन दहाड़े जला दी जाती है
और होता कुछ नही है दहेज़ प्रथा और सती प्रथा में
क्या फर्क है ?
दोनों ही सूरत में
औरत की जिंदगी नर्क है |
 

 
 






