जैसे बीज में छुपा है वृछ, चिंगारी में है आग |
भारत माँ की इज्जत आपके हाथ, जाग सके तो जाग, जाग सके तो जाग |
प्रिय साथियों
आप सभी को आकाश कुमार का प्यार भरा नमस्कार |
आज कहते हुए मुझे शर्म आ रही है की जिस देश की पहचान सादगी सचाई और सम्मान के लिए जानी जाती है वहीँ आज चोरी फरेब, घोटाला और अपसरशाही के लिए मशहूर होता जा रहा है रोज रोज अपराधिक तत्व के मामले और नए नए घोटाले उजागर हो रहे हैं| क्या हम उसी देश में हैं जिस देश को लोग माँ कहकर पुकारते हैं क्या हम उसी देश में हैं जहाँ नदियों, पहाड़ो और पशुओं को पूजा जाता है | कहने को तो हम भारत माता कहते हैं पर क्या हम उस माँ का सपूत कहलाने लायक हैं जो वर्षों से इसकी लुटती हुई इज्जत को नजरंदाज करते आ रहे हैं, जी नही आज मैं उस सपूत को सलाम करता हूँ जिन्होंने अपसरशाही, गुंडागर्दी और भ्रस्टाचार के खिलाफ खुलेआम आन्दोलन कर रहे हैं | अब कितनी जुल्म होगी भारत माता पर जरा सोचिये जन्म देनेवाली माँ के बारे में कोई अभद्र बोले तो जान लेने और देने को तैयार हो जाते हैं| पर शायद आप भूल रहे हैं की भारत माता ने न जाने कितने सपूतों को जन्म दिया है | इसकी इज्जत और आबरू को पहले वो दुरंग निति वाले भडुवे अंगरेजों ने लुटा फिर आज के घरेलु शैतान अपनी ही माँ का इज्जत तार-तार कर रहे हैं साथियों कहने को तो हम कहते हैं की हम १९४७ से आजाद हैं पर क्या वाकई में हम आजाद हैं नहीं हमे १९४७ में सिर्फ राजनैतिक आजदी मिली आर्थिक आजादी तो अभी बाकि है | अब वो समय आ गया है अपनी माँ का कर्ज अदा करने का, आज देश के हर घर से एक अन्ना हजारे होने चाहिए तभी हम भारत माँ की सम्मान को बचा पाएंगे | माँ और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है|
आओ साथिओं हम मिलकर भ्रस्टाचार के खिलाफ ये कसम खाएं की
जय हिंद | जय भारत |
भारत माँ की इज्जत आपके हाथ, जाग सके तो जाग, जाग सके तो जाग |
प्रिय साथियों
आप सभी को आकाश कुमार का प्यार भरा नमस्कार |
आज कहते हुए मुझे शर्म आ रही है की जिस देश की पहचान सादगी सचाई और सम्मान के लिए जानी जाती है वहीँ आज चोरी फरेब, घोटाला और अपसरशाही के लिए मशहूर होता जा रहा है रोज रोज अपराधिक तत्व के मामले और नए नए घोटाले उजागर हो रहे हैं| क्या हम उसी देश में हैं जिस देश को लोग माँ कहकर पुकारते हैं क्या हम उसी देश में हैं जहाँ नदियों, पहाड़ो और पशुओं को पूजा जाता है | कहने को तो हम भारत माता कहते हैं पर क्या हम उस माँ का सपूत कहलाने लायक हैं जो वर्षों से इसकी लुटती हुई इज्जत को नजरंदाज करते आ रहे हैं, जी नही आज मैं उस सपूत को सलाम करता हूँ जिन्होंने अपसरशाही, गुंडागर्दी और भ्रस्टाचार के खिलाफ खुलेआम आन्दोलन कर रहे हैं | अब कितनी जुल्म होगी भारत माता पर जरा सोचिये जन्म देनेवाली माँ के बारे में कोई अभद्र बोले तो जान लेने और देने को तैयार हो जाते हैं| पर शायद आप भूल रहे हैं की भारत माता ने न जाने कितने सपूतों को जन्म दिया है | इसकी इज्जत और आबरू को पहले वो दुरंग निति वाले भडुवे अंगरेजों ने लुटा फिर आज के घरेलु शैतान अपनी ही माँ का इज्जत तार-तार कर रहे हैं साथियों कहने को तो हम कहते हैं की हम १९४७ से आजाद हैं पर क्या वाकई में हम आजाद हैं नहीं हमे १९४७ में सिर्फ राजनैतिक आजदी मिली आर्थिक आजादी तो अभी बाकि है | अब वो समय आ गया है अपनी माँ का कर्ज अदा करने का, आज देश के हर घर से एक अन्ना हजारे होने चाहिए तभी हम भारत माँ की सम्मान को बचा पाएंगे | माँ और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है|
आओ साथिओं हम मिलकर भ्रस्टाचार के खिलाफ ये कसम खाएं की
देश को भ्रस्ट नेताओं से मुक्त कराना है, अपसरशाही को मिटाना है
लूटे हुए पैसे को वापस लाकर, लुटेरों को जेल भेजवाना है |
और आर्थिक आजादी लाना है, फिर से नया भारत बनाना है |
जय हिंद | जय भारत |
इसकी इज्जत और आबरू को पहले वो दुरंग निति वाले भडुवे अंगरेजों ने लुटा फिर आज के घरेलु शैतान अपनी ही माँ का इज्जत तार-तार कर रहे हैं
ReplyDeleteAAPKA YE AANDOLAN RASTRAHIT ME HAI AUR HUMSUB AAPKE AUR ANNA KE SATH HAIN....
BHAWPURN RACHNA--- AaBHAR
सार्थक पोस्ट .....भ्रष्टाचार के दलदल से देश से निकालने हेतु एक क्रांति की आवश्यकता है ...... हालातों में बदलाव आना ही चाहिए
ReplyDeleteखुद ईमानदार होते हुए भी जब इंसान गरीब होता हैं और बेईमान को अमीर देखता हैं तो शायद रास्ता दिखना बंद हो जाता हैं
भ्रष्टाचार के इस राक्षस को ख़त्म करने के लिये इस क्रांति की आवश्यकता है ...... हालातों में बदलाव आना ही चाहिए.तभी इस देश का उद्धार हो सकता है ..
ReplyDeleteकभी समय मिले तो हमारे ब्लॉग http://shiva12877.blogspot.com पर भी अपने एक नज़र डालें फोलोवर बनकर उत्साह वर्धन करें .. धन्यवाद्
अच्छी पोस्ट...अभी सिर्फ शंखनाद हुआ है, जंग तो अब शुरु होनी है.
ReplyDeletefollowing your blog. Same expected.
ReplyDeleteसार्थक पोस्ट ,
ReplyDeleteहालातों में बदलाव आना ही चाहिए
आगाज तो अच्छा हुआ है...
ReplyDeleteउत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद |
ReplyDelete@ डॉ॰ मोनिका शर्मा जी
@ शिवकुमार ( शिवा) जी
@ समीर लाल जी
@ संजय कुमार चौरसिया जी
@ सुशील बाकलीवाल जी
@ Aakarshan Giri ji
भारत माता के सपूत अन्ना हजारे की जय ।
ReplyDeleteब्लॉग जगत में आपको पहली बार देखा...अच्छा लिखते हैं
ReplyDeleteजमे रहिए
मित्र एक गुजारिश करूंगा...आप जब हिन्दी ब्लॉग लेखन कर रहे हैं तो अपनी हिन्दी पर भी थोड़ा ध्यान दीजिए जिससे वर्तनी संबंधी अशुद्धियां ना हों
किसी भी प्रकार के सहयोग के लिए मैं हाजिर हूं
बधाई हो ..अन्ना के साथ हम जीत गए .
ReplyDeleteबहुत ही सठिक पोस्ट .....
ReplyDeletejay ho anna
ReplyDeleteसबसे बड़ी बात है कि हमारी अंतरआत्मा तक बिक चुकी है। जिस समाज में इंसान का रूतबा उसकी सादगी और इमानदारी से नहीं बल्कि उसके अमीर और गरीब होने से देखी जाती है उस देश का हाल तो ऐसा ही होगा। बेहद सार्थक पोस्ट। आपका ब्लाग फालो कर रहा हुॅ।
ReplyDeleteउत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद |
ReplyDelete@ ZEAL ji
@ भुवनेश शर्मा जी
@ G.N.SHAW जी
@ सुधीर जी
@ ehsas (Blogger)
अन्ना जी जीत गए .
ReplyDeleteहम जीत गए .
हार्दिक शुभकामनायें।
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है!
..बहुत खूब।
ReplyDeleteकुछ टंकण त्रुटियाँ...
ReplyDeleteमहसूस
भष्टाचार
अफ़सर शाही
सच्चाई
@ Devendra Ji
ReplyDeleteI am Very Very Thanks to you For My Hindi Correction..
@ Dr Varsha Singh Ji
I am also Thanksful to you for the Comment..
बधाई हो ..अन्ना के साथ हम जीत गए .
ReplyDeleteसार्थक पोस्ट ,
ReplyDeleteहालातों में बदलाव आना ही चाहिए |
सार्थक पोस्ट
ReplyDeleteहालातों में बदलाव आना ही चाहिए
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं...आकाश भाई
ReplyDeleteआकाश मुझे याद नही आ रहा है --प्लीज आप बताए --आज मेने पोस्ट की है माउंट आबू 2 ..
ReplyDeleteक्रिकेट के समय देश एकता के सूत्र में बंध गया था --उसकी ही जीती जागती मिशल है अन्ना साहेब का यह युध्द !जिसमे फिर एक बार देश मे एकता की लहर दोड़ पड़ी ---
ReplyDeleteआकाश जी आपका मो. नहीं मिल रहा है क्या no. बदल गया है, मेरी इच्छा है की आप "पूर्वाचल बलोगर असो." के किसी पद की जिम्मेदारी निभाएं. यदि आप सहमत हैं तो हमें मेल करें. editor.bhadohinews@gmail.com
ReplyDeleteशुरुआत खुद से करनी होगी ..............खुद अन्ना बनाना पड़ेगा
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