प्रिय ब्लोग्वाशी आपसभी को आकाश कुमार का प्यार भरा नमस्कार | संजय भास्कर जी की प्रेरणा और "दर्शन कौर धनोये" जी की ममता ने आख़िरकार वापस बुला ही लिया |
दर्शन जी जिन्हें मैं माँ कहता हूँ उनके बारे में जो कुछ भी लिखा जाये मेरे समझ से कम होगा | एक प्रयाश मेरा भी | अपनी बातों को मैंने निचे लिख दिया अब आपकी बारी है |
चंद मुठ्ठी भर लोकप्रियता के लिए
राह अजनबी राही अजनबी
जो भी आया जो भी गया
पर सब के सब अजनबी
उस भीड़ में तलाशती हुई मेरी निगाहें
टकटकी लगाये बैठी है
कब पुरे होंगे मेरे अरमान और सपने
पर पता नहीं
एक पथिक से पूछा ये रास्ता कहाँ जाती है
आपकी सोंच तक
मैंने सोंचा पागल है
फिर माँ की याद आई
क्या ये रास्ता मेरी माँ तक जाएगी
नहीं ऐसा नहीं हो सकता
मन की उधेड़ बिन के बिच
एक राही का पैगाम आया
ये क्या इन्हें तो मैं जानता तक नहीं
फिर अपनापन सा क्यों लग रहा
ममता भरी पैगाम पढ़कर
मेरे जुबान पे एक ही शब्द आया "माँ"
और पुरे हुए "मेरे अरमान , मेरे सपने" |
दर्शन जी जिन्हें मैं माँ कहता हूँ उनके बारे में जो कुछ भी लिखा जाये मेरे समझ से कम होगा | एक प्रयाश मेरा भी | अपनी बातों को मैंने निचे लिख दिया अब आपकी बारी है |
"दर्शन कौर धनोये" जी |
एक अजनबी राहों पर
चल पड़ा अकेले
चंद मुठ्ठी भर लोकप्रियता के लिए
राह अजनबी राही अजनबी
जो भी आया जो भी गया
पर सब के सब अजनबी
उस भीड़ में तलाशती हुई मेरी निगाहें
टकटकी लगाये बैठी है
कब पुरे होंगे मेरे अरमान और सपने
पर पता नहीं
एक पथिक से पूछा ये रास्ता कहाँ जाती है
आपकी सोंच तक
मैंने सोंचा पागल है
फिर माँ की याद आई
क्या ये रास्ता मेरी माँ तक जाएगी
नहीं ऐसा नहीं हो सकता
मन की उधेड़ बिन के बिच
ये क्या इन्हें तो मैं जानता तक नहीं
फिर अपनापन सा क्यों लग रहा
ममता भरी पैगाम पढ़कर
मेरे जुबान पे एक ही शब्द आया "माँ"
और पुरे हुए "मेरे अरमान , मेरे सपने" |
बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........
ReplyDeleteस्वागत है आपका एक बार फिर , बहुत सुंदर भाव संजोये है और उनकी अभिव्यक्ति भी बहुत सुंदर.......
ReplyDeleteबाह बहुत बढिया लिखा है।
ReplyDeleteदर्शन कौर जी की जय जय कार।
बहुत सुंदर कविता लिखी हें आकाश ....दिल की गहराइयो से तुम्हे आशीर्वाद ... तुम युही सफलताओ की सीढियाँ चड़ते रहो और अपना नाम सार्थक करो ...
ReplyDeletesunder bhav
ReplyDeleteखबसूरत ब्लॉग आकाश जी । और बहुत ही प्यारी रचना । बहुत बहुत शुभकामनाएं आपको
ReplyDeletefb ke madhyam se itne sundar blog ka pata chala.aakash aapki kavita padhi.aapme likhne ka hunar hai isi tarah likhte rahiye.shubhkamnayen.
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत भाव संजोएं हैं..बहुत बहुत शुभकामनाएं..
ReplyDeleteस्वागत है आपका आकाश भाई
ReplyDeleteआपकी यह कविता दिल को छु गयी... !
sunder bhav ki sunder kavita...........................
ReplyDeleteचलिए वापसी मुबारक हो.
ReplyDeleteबहुत सुंदर कविता लिखी हें आकाश ...बधाई
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार की आपके बलौग पर आना हुआ। बहुत ही संवेदनशील कविता। आभार।
ReplyDeleteमन के सुंदर भाव....
ReplyDeleteसार्थक सोच लिये....आभार
ReplyDeleteआप सभी गणमान्य लोगों को दिल की गहराइयों से उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद | संजय भास्कर जी को आभार |
ReplyDeleteआपके ब्लॉग का चटक रंग कहता है कि आप ऊँची उड़ान पर हैं।
ReplyDeleteशुभकामनाएँ...। खुश रहें..मस्त रहें..मन वांछित सफलता आपके कदम चूमे।
बहोत अच्छा लगा आपका लेख पढकर ।
ReplyDeleteनया हिन्दी ब्लॉग
हिंदी दुनिया
सचमुच अच्छी बातें हैं आपके ब्लॉग में..
ReplyDeleteपहली बार आना हुआ..अच्छा लगा.
सस्नेह.
सुंदर प्रस्तुति बहुत अच्छी रचना,..आपके पोस्ट पर आना सार्थक रहा,....
ReplyDelete--26 जनवरी आया है....
matru devo bhav
ReplyDeleteआकाश कहाँ हो कांताक्ट करो मेरा नया नंबर है 08271440404
ReplyDeleteदर्शन कौर जी को बधाई
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