गम और खुशी जिंदगी के ऐसे दो धागे हैं जिनके ताने बाने के बगैर जिंदगी की चादर नहीं बुनी जा सकती |
फूलों से क्यों मोहब्बत है तितलियाँ समझती हैं |
माँ के दिल में क्या गम है बेटियां समझती हैं ||
रुखसती की तन्हाई गूंजती है आँगन में |
दुल्हनों के आंसू को सहेलियां समझती हैं ||
तोड़कर मसलते हैं जो नर्म नर्म फूलों को |
दर्द किसको कहते हैं डालियाँ समझती हैं ||
मरघटों में आती है रोज एक नई दुल्हन |
किस तरह जली होगी अर्थियां समझती हैं ||
फूलों से क्यों मोहब्बत है तितलियाँ समझती हैं |
माँ के दिल में क्या गम है बेटियां समझती हैं ||
रुखसती की तन्हाई गूंजती है आँगन में |
दुल्हनों के आंसू को सहेलियां समझती हैं ||
तोड़कर मसलते हैं जो नर्म नर्म फूलों को |
दर्द किसको कहते हैं डालियाँ समझती हैं ||
मरघटों में आती है रोज एक नई दुल्हन |
किस तरह जली होगी अर्थियां समझती हैं ||