क्या यही प्यार है ?
बड़ी सिद्दत से प्यार की दो बातें लिखी है | आपकी मंत्ब्य्यों की अपेक्छा है |
प्यार को किसी नाम की जरुरत नहीं होती |
इससे ज्यादा कोई चीज दुनियां में खुबसूरत नहीं होती ||
मैंने भी किया था प्यार बड़ी शान से |
पर ये क्या हुआ भी तो एक नादान से ||
प्यार की परिभाषा, ना प्यार का मतलब आता था |
मन ही मन उनकी हर अदा मेरे दिल को भाता था ||
उनकी हर अदा में छलकता प्यार देखा |
थोडा नहीं बेसुमार देखा ||
आगे देखो प्यार का खेला |
मधुर मिलन की आई बेला ||
प्यार का मौसम सावन आया |
दो से हमको एक बनाया ||
कई साल अब बीत गए |
हम वादों में जुट गए ||
दिन भर प्यार की कसमे खाना |
झूठ मुठ का रोना धोना ||
प्यार प्यार में तकरार हो गया |
देखते ही देखते साडी मेहनत बेकार हो गया ||
जिस प्यार को हमने सबकुछ माना |
उसी ने किया हमको बेगाना ||
बड़ी सिद्दत से प्यार की दो बातें लिखी है | आपकी मंत्ब्य्यों की अपेक्छा है |
प्यार को किसी नाम की जरुरत नहीं होती |
इससे ज्यादा कोई चीज दुनियां में खुबसूरत नहीं होती ||
मैंने भी किया था प्यार बड़ी शान से |
पर ये क्या हुआ भी तो एक नादान से ||
प्यार की परिभाषा, ना प्यार का मतलब आता था |
मन ही मन उनकी हर अदा मेरे दिल को भाता था ||
उनकी हर अदा में छलकता प्यार देखा |
थोडा नहीं बेसुमार देखा ||
आगे देखो प्यार का खेला |
मधुर मिलन की आई बेला ||
प्यार का मौसम सावन आया |
दो से हमको एक बनाया ||
कई साल अब बीत गए |
हम वादों में जुट गए ||
दिन भर प्यार की कसमे खाना |
झूठ मुठ का रोना धोना ||
प्यार प्यार में तकरार हो गया |
देखते ही देखते साडी मेहनत बेकार हो गया ||
जिस प्यार को हमने सबकुछ माना |
उसी ने किया हमको बेगाना ||